रुबाई

रुबाई
********
है यहीं अभ्भी ....उसे पाना नही है
पाया हुआ है...ढूँढने जाना नही है
देख लेना है कहीं ना बंद हो आँखें
ख़्वाब में या याद में खोना नही है
- अरुण

Comments

Popular posts from this blog

षड रिपु

मै तो तनहा ही रहा ...