दो रुबाई

रुबाई
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किसी के साथ भी हो लेता है तर्क
वकालत के बड़े काम आता है तर्क
तर्क करते लोग होशियार दिखते हैं,मगर
जिंदगी को समझ पाया न तर्क
- अरुण

रुबाई
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प्रेम में जो बात है.........सन्मान में नही
कागजी फूल में तो ..... कोई जान नही
प्रेम प्रेमी और प्रेयस सब बराबर के सगे
किसी का मान...किसी का अवमान नही
- अरुण

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