अच्छा होगा अगर केजरीवाल Catalytic Agent ही बने रहें



केजरीवाल के शब्द हैं –... “कीचड़ में घुसकर ही उसे साफ़ करना है.”. हम भी चाहते है.. ठीक ऐसा ही हो. कीचड़ में घुसकर आप स्वयं कीचड़ न बन जाएँ क्योंकि राजनीति में ऐसा ही होते देखा गया है. आप के सामने बड़े ही मझे हुए खिलाडी खड़े हैं. दूसरों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तरीके से भ्रष्ट कर उन्हें अपनी ही बिरादरी में शामिल कर लेने की उनके पास अपरम्पार क्षमता है.
इतना ही नहीं जनता की आदते भी बिगड़ी हुई हैं, जनता भी अपने मतलब या अपने पक्ष में नेताओं को गलत रास्ते पर ले जाने की प्रेरणा देती रहती है. “आप हमारा ही कल्याण देखते रहो भले ही देश अड़चन में आ जाए”- जन मानस में - ऐसी भावना भी सुप्त रूप में दबी होती है.
इन सब बातों के बीच संतुलन बिठाने का काम केजरीवाल को करना है. कीचड़ में घुसकर कीचड को स्वच्छ पदार्थ में बदलनेवाले Catalytic Agent का ही काम करना है अपने कपड़ों को छीटों से बचाकर यह काम करना है. उम्मीद है कि केजरीवाल की सोच-निष्ठा यही होगी.
-अरुण

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