बेहोशी का भविष्य पूर्वनिर्धारित है



अतीत की गुफा से बाहर निकला और अतीत की बेहोशी में आगे बढ़ता आदमी आज और आनेवाले कल को, किस तरह बर्ताव करेगा ?... इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं. उसका अतीत ही उसके भावी कदमों का परिचय करा देता हैं. जो अतीत की बेहोशी से मुक्त है, उसका भविष्य नहीं बतलाया जा सकता क्योंकि वह, बाहर हर पल बदलते हुए परिदृश्य को देखते हुए, पूरे होश में चलता रहता है.
-अरुण  

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