जड़, पत, डाली, और फल ....



पहले यह दोहा पढ़ें -  
जड़, पत, डाली, और फल- सभी पेड़ ही पेड़
अलग-अलग सब देखते, सभी, सिवा बस पेड़
..
अर्थ- पूरे के पूरे पेड़ को देखने पर सबकुछ दिखता है यानि उसकी जड़, टहनी, पत्ते, फल .. सबकुछ, क्योंकि, सभी चीजों में पेड़ का ही दर्शन है. परन्तु अगर जड़, टहनी, पत्ते और फल को अलग अलग
निहारा जाए तो पेड़ को छोड़कर सबकुछ दिखेगा, केवल पेड़ ही समझ से दूर होगा.
....
एकत्व का दर्शन ही दर्शन है, तपसील या विवरण, एकत्व को भंग कर देता है.
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

षड रिपु