दिल छूता है, दिमाग मचाता है शोर



भाना-अभाना दिल का काम है
दिल ही छूता है, सभी तरह की
भाव-संवेदनाओं को,
दिमाग उसे अभिव्यक्त करता है,
उसके समर्थन या विरोध में  
शब्दों, तर्कों और सिद्धान्तो की
दुहाई देता है,
दिल बोर (डूबा हुआ) है
तो दिमाग है शोर
-अरुण  

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