प्रयास भी और अनुकम्पा भी



किसी भी सांसारिक प्राप्ति के लिए
केवल प्रयास ही जरूरी हैं,
परन्तु
असांसारिक अवधानमय समझ के लिए
प्रयास और अनुकम्पा दोनों की उपस्थिति चाहिए.
प्रयास से ही समझ जगेगी यह अहंकारी सोच,
या अनुकम्पा ही काफी है यह आलस्य पूर्ण दृष्टिकोण,
दोनों ही किसी काम के नहीं.
-अरुण   

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के