जब दिवार ढहेगी तब ....



भीतर प्रकाश कायम है
लाना नहीं है,
फिर भी आदमी अदिव्य
(unenlightened) क्यों है?
क्योंकि कल्प-सामग्री
(image-material)
से बने ज्ञान-समझ-अहंकार की
दिवार ने प्रकाश को उसतक
पहुँचने से रोक रख्खा है,
जब दिवार ढहेगी तब ....
दिव्यत्व जागेगा
-अरुण    

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आमीन ... काश ये जल्दी हो ...

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