जानना और जीना



जानना और जीना,
दोनों में कोई अंतर नहीं है
जीने को ही जानना कहा जाता है
बिना जीते हुए जानना,
जानने का substitute है.
जिस जानने में मस्तिष्क प्रमुखता से काम करता है
वह जानकारी करना है, परन्तु जिसमें
अवधान के साथ पूरा का पूरा तन-मन-ह्रदय का
का स्पर्श होता है वह है सही सही जानना या जीना
-अरुण     

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