पल पल बनकर जीना होगा



जिंदगी हर पल में जीती है,
और आदमी ?
हर पल के बाहर
हर पल में जीने के लिए आदमी को
पल पल बनकर जीना होगा.
हो तो ये रहा है कि
आदमी की जिंदगी का हर पल
आदमी बन कर जी रहा है
-अरुण
 

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सुबह सुबह मन प्रसन्न हुआ रचना पढ़कर !

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