संसारी अर्ध-जागृत ही है



बीते से फले स्वप्न और
वास्तविकता पर चढ़ी  
मान्यताओं की मूर्छा पहने
आदमी अपनी जागी अवस्था में भी
अर्ध जागृत ही है.
नींद में वह या तो अर्ध-निद्रित है
या पूर्ण निद्रित.
इस तरह तीन अवस्थाएं तो
संसारी के अनुभव में
उतरी हैं, परन्तु
पूर्ण जागृति की अवस्था
कुछ बिरलों को ही फली है.
-अरुण

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