फैसला भले ही अप्रिय पर स्वीकारना ही उचित



संजय दत्त को सुनाई गई सजा
भले ही जनमानस को अप्रिय लगे
पर श्रेयस्कर यही होगा कि इसे
पूरी तरह स्वीकारा जाए
परन्तु यदि दबाव वश
न्यायलय के निर्णय को निष्क्रिय किया जाता है
तो यह बात   
देश की न्याय-प्रियता के प्रति  
संदेह उठाने वाली साबित हो सकती है
-अरुण      

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