कब हुआ ईश्वर का विस्मरण ?



जन्म के तुरंत बाद
जो संवेदना जगी उसे
सत्य का दर्शन हुआ, उसे ईश्वर की स्पर्श-प्रतीति हुई,
परन्तु तदुपरांत संस्कारीकरण और संसारिकता की प्रक्रिया
के चलते चेतना को
ईश्वर का विस्मरण और संसार का स्मरण हुआ
-अरुण 

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