सबलीकरण के कार्यक्रम implement करनेवालों के लिए



कार सिखाना है उसे, स्टियरिंग उसके हाँथ
खुद स्टियरिंग पर बैठकर सिखलाना बकवास
-अरुण  

प्रायः सभी सबलीकरण प्रयास
अंदर से खोखले होते हैं,
क्योंकि दूसरों को सबल बनाने वाले
व्यक्तियों या एजंसियों के
स्वयं के मन दुर्बल होने के कारण,
वे ऐसे कार्यक्रमों को
सकारात्मक एवं साहसी मन से नहीं चलाते.
उनके प्रयास पद्धति अनुसार होते
तो हैं पर उनमें
सबलीकरण की आत्मा उपस्थित नही होती.

कार सिखाने के लिए सीखनेवालों को
स्टियरिंग पर बैठाया जाता है
परन्तु ऐसे कार्यक्रमों में implementer ही
स्टियरिंग (निर्णय-स्थान) पर बैठे दिखते हैं
-अरुण

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