मालूम तो है पर पता नहीं



मालूम तो है कि मैं जुड़ा हूँ
सूरज से, धरती से,
आकाश में
बहती हवा और पानी से
पर इसका मुझे पता नहीं है

मुझे पता है सिर्फ
मेरे नामधारी व्यक्तित्व का
और उस व्यक्तित्व से जुड़े सभी
मानवी और
गैर मानवी संपर्कों का
-अरुण   

Comments



मालूम तो है… पर… पता नहीं है…

सच है , जानने और पहचानने में भेद तो होता है … खूबसूरत रचना !
शुभकामनाओं सहित…

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

षड रिपु