क्षण-बिंदु



क्षण-बिंदु बरसते और ठहरते हैं
बोझ बनकर,
एक भी बिंदु इस तरह नहीं बरसा
कि जिसमें
ये जिंदगी ठहर जाए
क्षण बनकर
-अरुण  

Comments

Popular posts from this blog

षड रिपु

मै तो तनहा ही रहा ...