पूरा पूरा आकाश



देखना था
पूरा पूरा आकाश
पर देखे उसके टुकड़े टुकड़े.
टुकड़ों पर दुकड़े रचकर
जो बनी रचना उसीको
मैंने आकाश समझा है
टुकड़ों से बने आकाश में
अब उभरा है
काल और अवकाश
-अरुण    

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