परिवर्तन व्यक्ति में होता है


परिवर्तन व्यक्ति में होता है
समाज में नही,
जलता तो पेड है
जंगल नही,
सभी समुदायवाचक
संज्ञाओं के साथ यह भूल होती है.
भूल केवल समझने में ही नही तो
समझ की भूल के कारण
दृष्टि और कृति में भी घटती है
समाज से भ्रष्टाचार हटाने वालों को
यह बात ठीक से समझ लेनी होगी
-अरुण 

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