सुबह और मुर्गे की बांग


सुबह की पहली किरण और
मुर्गे की बांग, इनके रिश्ते से प्रायः
सभी परिचित हैं. रिश्ता कारक और परिणाम
(cause and effect) वाला नही
बल्कि सह-क्रियण (synchronization) वाला है.
प्रातः की किरण निकलते ही
मुर्गे में बांग देने की
प्रेरणा जागती है और
वह बांग देता है,
ठीक इसीतरह का रिश्ता
मन और शरीर के बीच में है.
मन शरीर का प्रेरक है, कारक नही.
मन की प्रेरणा से
मस्तिष्क प्रभावित होता है
और प्रभावित मस्तिष्क (मन नही)
शरीर को संचालित करता है,
शरीर और मस्तिष्क
एक ही संगठन के हिस्से हैं
परन्तु मन और शरीर तो केवल
सह-क्रियाएँ हैं (synchronized actions)
-अरुण 

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