मै उस कच्चे फल की तरह


मै उस कच्चे फल की तरह हूँ
जो परिपक्वता को भलीभांति निहारता तो है
पर खुद पक नही पाता

परिपक्वता के लिए जो माहोल
जरूरी है, उसमें शायद
वह खुद को
घोल नही पाता
-अरुण

Comments

yashoda Agrawal said…
कल 012/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .

धन्यवाद!

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