नया- नया और पुराना-नया


आज का सूरज
कल जैसा दिखता है
हर नई सोच में 
पुराना महकता है .....

कल का डूबा ही नही
सूरज आज का, उगे कैसे   
यादों के धागों से
नई सोच सिले कैसे
-अरुण 

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