जो सुलझा पाए उन्ही को दर्शन

विश्वास के गर्भ में अनसुलझे संदेह

अनसुलझों का पड़ाव है-विश्वास

जो सुलझा पाए संदेहों को - उन्ही को दर्शन

बाकी करें, सिर्फ प्रदर्शन

......................................... अरुण

Comments

Popular posts from this blog

षड रिपु

मै तो तनहा ही रहा ...