भय के वातावरण में देश के निर्णय –अन्ना का अनशन

आज अगर कोई हल निकलता भी है

तो क्या वह सही और स्थायी हल होगा?

बेहतर यही होता कि

बात सीधे अन्नाजी से की जाती

मैनेजरों से नही.

अनशन के माध्यम से

सारी मांग प्रत्यक्ष रूप से

अन्नाजी कर रहे हैं और

उनके मैनेजर अन्ना के अनशन को

आगे रखकर

अपने स्वयं के

महत्वोत्थान और अपने को

प्रोजेक्ट करने की

अचेतन इच्छा के अधीन हुए दिखते हैं

अन्नाजी के पास काफी

अनशन-स्टेमिना है और

इसीलिए उनके मैनेजर

राष्ट्रहित के नाम पर

इस स्टेमिना का शोषण करते दिखते हैं

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दूसरी तरफ इस प्रसंग से

भयभीत सरकार, विपक्ष और सारी संसद

हडबडाहट में कुछ भी करने को तैयार हो गई है

क्या ऐसी हडबडाहट देश के हित में होगी ?

इस बात को मीडिया और समाज का

ऑब्जेक्टिव निरीक्षक भी जान रहा है

पर सच का उच्चार करने से डर रहा है

........................................................... अरुण

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