पकने से पहले टपकना

यदि कोई कहे -

देखकर जल ओंठ पर तृष्णा जगाऊंगा

अँधेरा छोड़ जाएगा तभी दीपक जलाऊंगा

- तो बात अटपटी लगेगी

क्योंकि

जल से तृष्णा बुझती है, जागती नही

दीपक आने पर अँधेरा जाता है,

अँधेरा जाने के बाद , दीपक नही आता

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कहने का मतलब

अज्ञान जब चुबता है तभी

ज्ञान की खोज शुरू होती है.

उससे पहले शुरू होनेवाली

खोज खोज के लिए होनेवाली

सामाजिक या मनोवैज्ञनिक

बाध्यता से फली कृति है, असली

खोज नही

यही कारण है कि आजतक

गीता पढकर

किसी को ज्ञान नही हुआ

हाँ, जिसे अज्ञान का बोध हुआ

ऐसो में से कुछ लोग

गीता पढ़ने के लिए प्रेरित हो सकते हैं

पर बहुदा अधिकांश लोग

आदतवश या संस्कारों के कारण

गीता जैसे ग्रंथोंको

पढने की औपचारिकता निभाते दिखते हैं

....................................................... अरुण

Comments

आपकी कवितायेँ अवं संग्रह पढ़ कर अच्छा लगा ऐसे रचनाओं के लिए धन्यवाद
कृपया मुझे भी मार्गदर्शन देवे

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