सर्व धर्म समवेशकता यानी सर्व धर्म सम-भाव

आग को आग से मिटाना

पानी को पानी से सुखाना

जितना नामुमकिन है

उतना ही नामुमकिन है

किसी धर्म, जाति, देश या

प्रान्त-भाव में बंट कर

समग्र हो पाना

...........................

जब देश के

मंदिरों में कुरान

और मस्जिदों में

गीता के आयोजन सहजता से (राजनीति से नही)

होंगे

तभी इस देश को

सर्व-धर्म समभाव वाला देश कहना

उचित होगा

............................. अरुण

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