समाधी यानि एकत्व की अनुभूति

अशरीर, शरीर और
प्रतिशरीर (मन)
ये तीनो हीं
एक ही उर्जा की
तीन भिन्न लयों पर ((Rhythm)
होनेवाली अभिव्यक्तियाँ हैं
Rhythm के भिन्नत्व के
कारण से
वे तीनों भिन्न हैं ऐसा लगने लगता है
जब अवधान जागता है तो
तीनों के एकत्व (Harmony) की
अनुभूति होती है
प्रायः एकत्व की इसी अनुभूति को
समाधी कहा जाता होगा

Comments

Popular posts from this blog

षड रिपु

मै तो तनहा ही रहा ...