सिर्फ पहुंचे को पहुँचने पर रास्ता दिखे

दृष्टि (Vision)

उस स्थिति का

पूरा दृश्य

स्पष्ट कर देती है

जिसमे दृष्टिधारक

पहुँच चुका है और

इस पहुंचे हुए को

वह कैसे पहुँचा

इस बात का

तर्क-पथ भी दिखला देती है

परन्तु पहुँचने का प्रयास करने वाले को

ऐसे किसीभी तर्क-पथ का

ज्ञान नही हो सकता

जो उसे सही दृष्टि दे दे

...................

दृष्टि धारक

गीता की रचना कर देता है

परन्तु गीता का अभ्यासक

दृष्टि नही पा सकता

.................................. अरुण

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