मनुष्य जीवन

धरा सत्य

आकाश एक कल्पना सी

क्षितिज तो मिलन मात्र

है नभ-धरा का

................

मनुष्य का जीवन क्षितिज ही है

जो दूरसे सत्य और पास जाकर देखो

तो कुछ भी नही

.................................... अरुण

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हर शब्‍द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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