कल फूटे थे भाग या........

जिसने यह देख लिया कि

काल का कोई विभाजन ही नहीं है ,

न भूत है और न ही भविष्य ----

ऐसी दृष्टि, भविष्य कथन या ज्योतिष्य

जैसे विषयों के औचित्य को, कैसे स्वीकारे

चार महिने पहले घटी दुर्घटना का पता

आज लगा और मै दुखी हो गया

ज्योतिष्य किस दिन को बुरा दिन कहे

दुर्घटना घटी उस दिन को या जिस दिन दुर्घटना का

ज्ञान हुआ उस दिन को

जिसे ऐसी दुर्घटना का पता ही नहीं चलता

या जो दुर्घटनाओं या सुघटनाओं के प्रभाव से मुक्त हैं,

ऐसे लोगों को ज्योतिष्य का क्या औचित्य

कटी जेब थी कल मगर, गया आज मै जान

कल फूटे थे भाग या हुआ आज जब ज्ञान

........................................................................ अरुण

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