जीवंत जीवन

आदमी देह-मन से

चुस्त हो अथवा सुस्त

दोनों ही अवस्था में

वह भटका हुआ है

जब चुस्त होता है

तब विचारों में और जब

सुस्त होता है तब स्वप्न में

भटक जाता है

अपनी इस पल पल की

भटकन के प्रति जो सावधान और सजग हो

उसी का जीवन जीवंत है

......................................... अरुण


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