समय मन की उपज

सूर्य, चंद्र, पृथ्वि, तारे

ये सब चलते हैं

किसी समय के आधीन होकर नहीं

बल्कि मानव-मन ही इनकी गति के

आधार पर अपनी घडी की रचना करता है

............................................................. अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के