अँधेरे में ही प्रकाश

अपने भीतर दबे अँधेरे को
देखना होगा
तभी दिख पड़ेगा घना प्रकाश
सारी कोशिश लगानी है
अँधेरा देखने के लिये
प्रकाश तो दिखेगा बिना कोशिश अनायास
क्योंकि
अस्तित्व तो प्रकाशमय ही है
देखने में हुई भूल का परिणाम है
ये अँधेरा
..................... अरुण

Comments

Udan Tashtari said…
बहुत बढ़िया.

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