अहंकार नही मिटता अहंकार से

अहंकार को स्वयं से लगाव इतना
मछली को पानी से जितना
स्वयं को मिटाना स्वयं को गलाना
मुश्किल है सपने में भी सोच पाना
अहंकार कहता है -
मै जल जाऊंगा पर अपनी ही राख को सजोकर
फिर उभर आऊंगा
स्वयं के मायातल पर मै मिट नही सकता
मुझे मिटाने की कोई भी चेष्टा व्यर्थ है
............................................ अरुण

Comments

स्वयं को मिटाना स्वयं को गलाना
मुश्किल है सपने में भी सोच पाना॥
बढिया!
दिलीप said…
स्वयं के मायातल पर मै मिट नही सकता
मुझे मिटाने की कोई भी चेष्टा व्यर्थ है sundar ati sundar
उम्दा विचारणीय अभिव्यक्ति /
अहंकार कहता है -
मै जल जाऊंगा पर अपनी ही राख को सजोकर...
अहंकार का अंत ऐसे ही होता है ...!!

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