दर्शन भगवान का

(कुछ दिन के अन्तराल के बाद)
कहते हैं कि पतिव्रता
अपने पति में परमेश्वर देखती है
पति चरित्रवान हो या चरित्रहीन
उसी तरह
जिसे हर चीज में भगवान दिखा
उसे चीज के भौतिक, सामजिक या वस्तुगत मूल्य से
उसे कोई सरोकार नही
क्योंकि उसकी दृष्टि उनसब बातों के परे देखने लगाती है
....................................... अरुण

Comments

...बहुत सुन्दर !!!

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