तीन पंक्तियों में संवाद

विरासत में पाई हुई दुकान चलाने वाले
तुने दुकान भरी पाई है, पहले दिन से

नयी नजर तो 'नया'- नया, विरासती तो 'पुराना'- नया
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दुनिया के बदस्तूर बर्ताव किए जाते हैं
सुकून न सही, इज्जत तो मिलेगी

दुनिया के सभी दस्तूर भाते नही
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शब्द में अर्थ लपेटूं तो लपेटूं कैसे
शब्द तो लेबल है चादर नही

ऐसे लेबलों से सच बयां नही होता
................................................... अरुण

Comments

Udan Tashtari said…
बहुत बढ़िया...

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