कुछ शेर

शायद यही वजह कि तडपता है -दिल
तुम्हें पाने से पहले, तुम्हें पा चुका है दिल

ये दर्द उठाया है दिली ख्वाहिश ने
हमदर्द करे भी तो करे कैसा इलाज

अपनी तस्बीर बनाई है दिल के कोने में
दिनरात उसीसे करता बातें
............................................. अरुण

Comments

कम शब्दों मे सुंदर भाव.
बढ़िया शेर!!

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